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हिंदी दिवस पर एक लेख एक बार जब संविधान सभा में चर्चा चल रही थी , तो चर्चा के बीच संविधान सभा के एक सदस्य धुलेकर साहब ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा को अपनाने पर बल दिया , धुलेकर साहब के शब्दों में उन्होंने कहा की एक पूर्ण भारतीय होने के लिए ये आवश्यक है की उस व्यक्ति को हिंदी का ज्ञान हो ! वाजिव सी बात है दक्षिण के किसी गैर हिन्दी भाषी सदस्य की प्रतिक्रिया आना लाज़मी था , जब धुलेकर साहब और दक्षिण के सदस्यों के बीच में हिंदी को लेकर विवाद गहराया तब नेहरू ने धुलेकर साहब से कहा की — “ बैठ जाइये आप ऐसा करके भारत की समस्या को बड़ा ही रहें हैं “ शायद नेहरू ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि नेहरू भारत की समन्वय संस्कृति (Composite Culture) के बारे में समझते थे ! और ठीक भी तो है आखिर भारत में राष्ट्र निर्माण पश्चिम की तरह एक भाषा के मॉडल पर नहीं हुआ , जहाँ पश्चिम ने अपना राष्ट्र निर्माण सांस्कृतिक एकरूपता (Cultural Homogeneity) के मॉडल पर किया तो भारत ने सांस्कृतिक विविधता (Cultural Diversity) के मॉडल पर ! हिंदी दिवस की शुभकानाएँ — हिंदी दिवस का वास्तविक अर्थ भारत की सभी भाषाओं के कल्याण में ही निहित है Book...