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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका [THE ROLE OF MAHATMA GANDHI IN THE INDIAN FREEDOM MOVEMENT]

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                             भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका [THE ROLE OF MAHATMA GANDHI IN THE INDIAN FREEDOM MOVEMENT]             भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पश्‍चात्‍ भारत में राष्ट्रवाद फलने-फूलने लगा। इसी दौर में अंग्रेजी राज से उत्पन्न विरोधाभासों और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के फलस्वरूप राष्ट्रवाद के स्वरूप में भी परिवर्तन दिखायी देने लगे। 1885 से 1919 तक उदारवादी एवं उग्रवादी राजनीतिक विचारधाराओं ने भारत में राष्ट्रवाद की जो बुनियाद तैयार की उसे एक निश्चित स्वरूप और दिशा देने का कार्य महात्मा गांधी ने किया। उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को बुद्धिजीवियों के हाथ से निकालकर उसे सही अर्थों में जन आन्दोलन बना दिया।             महात्मा गांधी जिन्हें प्यार से लोग बापू और राष्ट्रपिता सम्बोधित करते हैं ,  भारतीय राजनीतिक मंच पर 1919 से 1947 तक इस प्रकार छाए रहे कि इस युग को भारतीय इतिहास का गांधी-युग...
हिंदी दिवस पर एक लेख एक बार जब संविधान सभा में चर्चा चल रही थी , तो चर्चा के बीच संविधान सभा के एक सदस्य धुलेकर साहब ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा को अपनाने पर बल दिया , धुलेकर साहब के शब्दों में उन्होंने कहा की एक पूर्ण भारतीय होने के लिए ये आवश्यक है की उस व्यक्ति को हिंदी का ज्ञान हो ! वाजिव सी बात है दक्षिण के किसी गैर हिन्दी भाषी सदस्य की प्रतिक्रिया आना लाज़मी था , जब धुलेकर साहब और दक्षिण के सदस्यों के बीच में हिंदी को लेकर विवाद गहराया तब नेहरू ने धुलेकर साहब से कहा की — “ बैठ जाइये आप ऐसा करके भारत की समस्या को बड़ा ही रहें हैं “ शायद नेहरू ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि नेहरू भारत की समन्वय संस्कृति (Composite Culture) के बारे में समझते थे ! और ठीक भी तो है आखिर भारत में राष्ट्र निर्माण पश्चिम की तरह एक भाषा के मॉडल पर नहीं हुआ , जहाँ पश्चिम ने अपना राष्ट्र निर्माण सांस्कृतिक एकरूपता (Cultural Homogeneity) के मॉडल पर किया तो भारत ने सांस्कृतिक विविधता (Cultural Diversity) के मॉडल पर ! हिंदी दिवस की शुभकानाएँ — हिंदी दिवस का वास्तविक अर्थ भारत की सभी भाषाओं के कल्याण में ही निहित है Book...